अंग्रेजी में एक कहावत है, If life throws lemons at you, make a lemonade. .याने की जिंदगी अगर आपको खट्टे नींबू दे, तो उसका शरबत बनाएँ, अर्थात, यदि आप जिंदगी में कभी भी संकटों का सामना करें, तो उन संकटों से घबराएं नहीं, बल्कि उसी संकट को मौके में परिवर्तित करें, और सफलता हासिल करें. ऐसा ही कुछ किया दिल्ली के इस जैविक किसान ने. दिल्ली के कुलदीप सिंह को जीवन ने सचमुच नींबू दिये. लॉकडाउन के कारण उनकी बाग के नींबू बिक नहीं पाए. इतने सारे नींबू पडे पडे सड जाते. क्या किया जाए ये एक बहुत बडा प्रश्न कुलदीप जी के सामने था. आखिरकार उन्हें एक तरकीब सूझी, उन्होंने इसी नींबू का अचार बनाया और बेचा. नींबू बेच कर वे जितना नहीं कमा सकते थे, उतना उन्होंने नींबू का अचार बेच कर कमाया. उन्होंने साबित किया कि इंसान अगर चाहे तो क्या नहीं कर सकता.
कुलदीप ने लगभग चार साल पहले एक एकड़ जमीन पर नींबू का बाग लगाया. पिछले साल जब बाग से अच्छा उत्पादन मिलने लगा तो लॉकडाउन लग गया. ऐसे में, उनकी नींबू की बिक्री पर बहुत ज्यादा असर पड़ा. वह घर में भी नींबू को ज्यादा दिन तक स्टोर नहीं कर सकते थे. लेकिन कहते हैं न कि जहां चाह, वहां राह.
इसलिए इस प्रगतिशील किसान ने मायूस होने की बजाय कुछ ऐसा किया कि न तो उनके नींबू खराब हुए और न ही उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. बल्कि लॉकडाउन और कोरोना महामारी के बीच भी उन्हें अपने नींबू के बाग़ से डेढ़ लाख रुपए की बचत हुई. आने वाले समय में उन्हें उम्मीद है कि उनका यह मुनाफा और ज्यादा बढ़ेगा.