सीबीएसई के विद्यार्थियों के लिये अहम खबर : १०वीं १२वीं की दो बार होगी बोर्ड परीक्षा

06 Jul 2021 12:54:05

कोविड महामारी का यदि सबसे विचित्र असर किसी पर हुआ है, तो वो हैं विद्यार्थी, भारत में विद्यार्थियों के भविष्य पर इस कोविड ने कई सवाल उपस्थित किये हैं | लेकिन संपूर्ण परिस्थिती को देखते हुए, सीबीएसई ने एक निर्णय लिया है | हाल ही में जारी की गई सूचना के अनुसार आने वाले वर्ष में १०वीं और १२वीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा दो हिस्सों में ली जाएगी, जिसमें सिलेबस को भी बॉंट दिया गया है, जिससे सिलेबस कम हो गया है |


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पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षाएँ कँन्सिल करने के बाद अब इस वर्ष में बोर्ड परीक्षाओं का पहला हिस्सा नवंबर में आयोजित किया जाएगा, और दूसरे हिस्से की परीक्षाएँ मार्च - अप्रैल में होगीं | परीक्षा की समय सीमा में भी बदलाव किया गया है | अब यह विद्यार्थियों के लिये आसान है या कठिन ये तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन यदि कोरोना की तीसरी लहर आई, तो उस वक्त बोर्ड परीक्षाएँ कैसे ली जाएंगी, इसकी यह एक तैयारी आप समझ सकते हैं |


कैसे होंगी परीक्षाएँ?

१. परीक्षाओं को दो हिस्सों में बाँटा गया है, टर्म -१ और टर्म २ | पहली टर्म में केवल “एमसीक्यू” याने कि मल्टिपल च्वाइस क्वेश्चन पूछे जाएँगे | इस टर्म के पेपर के लिये समय सीमा ९० मिनिट याने की देढ घंटे की होगी, और पूरे सिलेबस के ५०% हिस्से से ये प्रश्न पूछे जाएँगे |

२. टर्म-२ में भी ९० मिनिट का ही पेपर होगा, और इसमें एमसीक्यू, लघुत्तरीय प्रश्न, दीर्घउत्तरीय प्रश्न आदि सभी प्रकार के प्रश्न पूछे जाएँगे | ये प्रश्न सिलेबस के बचे हुए ५०% हिस्से से पूछे जाएँगे |

३. बच्चों की परीक्षाएँ उसी पाठशाला में होंगी जहाँ से वे पढ रहे हैं | साथ ही सीबीएसई की ओर से सूपरवायजर भेजे जाएंगे |
४. पहली टर्म नवंबर में तो दूसरी मार्च या अप्रैल में होगी | इस प्रकार से बच्चों को दो बार बोर्ड के पेपर देने होंगे |


बदलती हुई परीस्थिती में शिक्षानीति और स्कूलों के निर्णय भी बदलेंगे | ऐसे में सीबीएसई के इस निर्णय का स्वागत ही किया जा रहा है | लेकिन बच्चों के लिये ये बदलाव कैसा होगा? क्या वे इस बदलाव के साथ अच्छे से परीक्षाएँ दे सकेंगे ? यह जानना दिलचस्प होगा |

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