आपने सही पढा | आप सोच रहे होंगे कि जिस साल ने इतनी सारी समस्याएँ हमारे सामने लाकर खडी कर दीं | जिस साल ने केवल भारत को ही नहीं तो पूरी दुनिया की हेल्थ सिस्टम को घुटनों पर लाकर खडा कर दिया, जिस साल ने लोगों से उनके रोजगार छीन लिये, जिस साल ने लोगों को अपनों से अलग कर दिया, उसे मैं अवसरों भरा साल कैसे कह सकती हूँ ? उसका एक कारण है | इस साल ने हमें बहुत सारी समस्याएँ दी हैं, लेकिन समस्याओं को अवसर में बदलने का मौका भी दिया है | इसी कारण २०२० एक अवसरों भरा साल रहा है |
२०२० की शुरुआत बहुत अच्छी रही | सब कुछ सही चल रहा था | केवल दो महीने ही हुए होंगे की अचानक पता चला कि कोविड के कारण पूरी दुनिया में लोग बीमार हो रहे हैं | धीरे धीरे यह बीमारी भारत में भी पैर पसारने लगी |लेकिन इस बीमारी ने और देश की परिस्थिती ने हमें बहुत कुछ सिखाया और इसी कारण यह साल काफी उम्मीदों भरा, अवसरों भरा भी रहा |
जब पूरी दुनिया बिगडती आर्थिक परिस्थिती को लेकर परेशान थी तभी भारत के कुछ नौजवान ऑनलाइन बिझनेस पर अपना हाथ जमाने में लगे थे | सॉनिथा मांडवा इन्हीं में से एक नाम है | १८ साल की इस विद्यार्थिनी (जो कि एक यूट्यूबर है, बिझनेस कोच है और पॉडकास्टर भी है) ने कंटेंट इंडस्ट्री में अपने पैर जमाने के लिये अपना ऑलनाइन बिझनेस, यूट्यूब कोचिंग और कंटेंट कोचिंग प्रारंभ की | उसने इस साल भर में अपने दो कोर्स लॉंच किये जिसमें से एक कोर्स था यूट्यूबर्स के लिये ‘यूट्यूब रोडमॅप अकॅडमी” तो दूसरा कोर्स था “मॅग्नेटिक कंटेटं अकॅडमी” फिलहाल सॉनिथा लगभग १ लाख रुपये कमा चुकी है, और ७० से अधिक विद्यार्थियों को पढा रही है | सॉनिथा ने दुनिया को बताया कि भले ही समय सही ना हो, परिस्थिती सही ना हो यदि आप कठिनाइयों को अवसर में बदल सकते हैं, तो अवश्य ही आप अपनी जिंदगी के साथ कुछ अच्छा कर सकते हैं |
ऐसा ही एक उदाहरण है, महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में एक किसान की केले की अच्छी फलस हुई थी | लेकिन कोरोना के चलते वे अपनी केले की फसल बाजार में बेच नहीं पाए | अब ऐसी परिस्थिती में क्या किया जाए ? तो उन्होंने और उनके परिवार ने इन्ही केलों को सुखा कर उनके चिप्स बनाने का निर्णय लिया | ये चिप्स बाजार में बेजे गए, और इसी एक छोटे गांव के किसान ने अच्छी कमाई की | उसने भी कठिनाइयों को अवसर में बदलने का तरीका सीख ही लिया |
ऐसे एक नहीं कई उदाहरण है | कठिनाइयों को अवसर में बदलने की कुछ कहानियाँ उन महिलाओं की भी हैं, जो शायद कहीं काम करती थी, लेकिन कोरोना के कारण उनका रोजगार छिन गया और उन्होंने घर पर ही मास्क बनाने का काम प्रारंभ किया और आज उनका घर भी उमकी मेहनत से चल रहा है |
बडे बडे इन्फ्लुएंसर्स से लेकर गांव के किसान और महिलाओं तक जिस भी व्यक्ति में जस्बा था, कुछ कर दिखाने की चाहत थी, और कठिनाइयों से बिना डरे एक अच्छा काम करने की इच्छा थी, उन सभी के लिये ये साल अवसरों भरा रहा है | किसी ने अपना व्यवसाय प्रारंभ किया, तो किसी ने कुछ नया कर लोगों की मदत की | किसी ने दूसरों का हौंसला बढाया तो किसी ने अपने परिवार की जिम्मेदारी अच्छे से उठाई | एक नहीं कई कहानियाँ हैं, जिनके जस्बे ने हमें कुछ नया करने की आशा दी है |
तो वे सभी लोग जो इस साल को कोस रहे हैं, इस साल को बुरा कह रहे हैं, या जिनके लिये यह साल गिनती में ही नहीं उन्हें मैं यह कहना चाहूंगी कि शायद इस साल ने आपको भी अवसर दिया हो अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने का, या कुछ नया करने का, या फिर घर पर रहकर ही अपने परिवार का खयाल रखने का अपनी सेहत का खयाल रखने का | ये सारी चीजें हम शायद भागदौड की जिंदगी में नहीं कर पाते लेकिन आज कर पाना संभव है, लॉकडाउन की बदौलत | तो चलिए इस अवसरों से भरे साल को धन्यवाद देते हैं | सामान्य व्यक्ति को इस साल एक आईना जरूर दिखाया है, लेकिन कुछ नया करने की, अपने उपर विश्वास रख कर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी दी है |
२०२० को बहुत सारा धन्यवाद और २०२१ का खुली बाहों से स्वागत :)