#GolRotiCanWait बनने दीजिए उसे Girl Boss

18 Oct 2020 11:00:00

आज नवरात्रि का दूसरा दिन है | नवरात्रि एक त्यौहार है दुनिया की सबसे बडी शक्ति का त्यौहार, देवी की पूजा का त्यौहार | वो देवी महालक्ष्मी है, महासरस्वती है, महाकाली है, कात्यायनी है, स्कंधमाता है, उसके हजारों नाम है, पर सबमें एक बात एक जैसी है, वो है शक्ति, आत्मविश्वास जगाने की | इस विश्व को जन्म देने वाली देवी आज की हर उस लडकी में बसती है, जो अपने दम पर कुछ कर दिखाना चाहती है | जिसे केवल चूल्हे चौके तक बंधना मंजूर नहीं | हाँ वो जानती है कि चूल्हा चौका आना ही चाहिये, लेकिन वो यह भी जानती है कि यह किसी एक जेंडर का काम नहीं है, और इसीलिये वो कुछ बडा कर दिखाने का सोचती है | अब वो समय नहीं रहा जब जेंडर के आधार पर काम बांट दिए जाते थे | आज के समय में यदि वो घर संभालना जानती है, तो एक बडा बिजनेस खडा करना भी जानती है |


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आज देश में ऐसे कई उदाहरण हैं, जो हमें बताते हैं कि आज के समय में कुछ बडा करना जरूरी भी है और नामुमकिन भी नहीं | पहले जब हम बिजनेस की बात करते थे तो हमारे सामने अंबानी अडानी ये ही नाम आते थे | आज समय बदल गया है | आज बिजनेस छोटा हो या बडा हो, उससे कईयों को रोजगार मिलता है | और आज रोजगार पाने वालों में से रोजगार देने वाली महिलाओं / लडकियों की संख्या अधिक है | आज ग्रामीण भारत में हथकरघे और कुम्हार का व्यवसाय करने वाली महिलाओं से लेकर मेट्रो सिटीज में बडे बडे ऑनलाइन बिजनेस खडा करने वाली महिलाओं तक हम कई Girl Bosses को देख सकते हैं |

क्या आप जानते हैं दक्षिण भारत की एक लडकी सोनिथा मांडवा ने अपनी उम्र के १८ वें वर्ष में स्वयं का बिझनेस चालू किया | वो एक यूट्यूबर है, और अपने जैसे ही कई यंगस्टर्स को यूट्यूब का प्रोफेशनली आप उपयोग कैसे करते हैं इसका प्रशिक्षण देती हैं | वो पढाई संभालते हुए ‘यूट्यूब रोडमॅप अकॅडमी’ चलाती हैं | आज की तारीख में करिअर के मायने सिर्फ डॉक्टर्स या इंजीनिअर्स तक सीमित न रहकर काफी बदल गए हैं | करिअर का दायरा बढ गया है | सोनिथा आज २० से ज्यादा स्टूडेंट्स की मेंटॉर है | और यह अपने आप में एक बडी बात है |



इसी तरह सरस्वती पोंकिया का नाम शायद आपने सुना होगा | वे एक डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट हैं, और उनका भी खुदका एक बिझनेस है, जिसके माध्यम से वे अपने क्याएंट्स को डिजिटल मार्केटिंग की सेवाएँ देती हैं | आज उनके साथ कई और लडकियाँ भी इस क्षेत्र से जुडी हैं, और अच्छा काम कर रही हैं |



ऐसे एक नहीं कई उदाहरण हैं, जहाँ पर टॅलेंटेड लडकियों ने बडे बडे बिझनेस खडे किये हैं | आप सलोनी श्रीवास्तव की HustlePost Academy का उदाहरण भी ले सकते हैं, जहाँ सलोनी ने ३ महीने में १ करोड रुपये कमाए | वे अकेली ही कमा नहीं रहीं तो अपनी इस अकॅडमी औप बिझनेस वेंचर के माध्यम से कईयों को रोजगार दे रही हैं |

आज मार्केट में छोटे छोटे आंत्रप्रिनिओर्स हैं, जिनके बिझनेस का आकार शायद छोटा होगा, लेकिन ये लडकियाँ महिलाएँ, अपने इस बिझनेस के माध्यम से लोगों को रोजगार दे रहीं हैं |

अब जरा सोचिये, इन सभी लडकियों ने केवल ये सोचा होता कि उनका संबंध सिर्फ घर के कामों से है, तो क्या वे रोजगार देने वाली बन सकती ? अगर सोनिथा सोचती कि उसे केवल पढना है, जॉब करना है वो भी सिर्फ इसलिये कि उसे अच्छा पति मिले तो क्या वर अपनी अकॅडमी खोल सकतीं ? अगर ये महिलाएँ सोचतीं कि वे सिर्फ जॉब करने तक ही सीमित रहें साथ ही घर भी संभालें तो, सिर्फ क्यों कि ये उनकी जिम्मेदारी है, तो क्या वे इतने बडे बिझनेस खडे कर सकतीं ? उत्तर है नहीं !!!


अक्सर हमारे समाज में लडकियाँ जॉब भी करती हों, तो उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वे घर के काम भी उतनी ही शिद्दत से संभालें, लेकिन ऐसी अपेक्षा पुरुषों से नहीं की जाती | महिलाओं से अपेक्षा होती है कि वे ऑफिस से आने के बाद सभी को खाना बना के खिलाएँ, लेकिन पुरुष यदि किचन में जाएं तो उन्हें अनोखी नजरों से देखा जाता है | आज भी ‘अरे उसने कभी किया नहीं.. उसे कहाँ से घर के काम आएँगे |” कह कर लडकों को बेनिफिट मिल जाता है, लेकिन समाज ये भूल जाता है कि जिस तरह उस लडके को काम करने की आवश्यकता नहीं पडी क्यों कि वो पढने और नौकरी करने में व्यस्त था, उसी तरह वो लडकी भी मेहनत कर रही थी कुछ बडा करने की | यदि वो लडकी करिअर पर ध्यान देने में व्यस्त होने के कारण घर के कामों के लिये मदत लेती है, या किसी को वह काम करने के लिये रखती है, तो उसे भी जज किया जाता है |


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यहां पर घर के काम करने वालों को छोटा नहीं बताया जा रहा, वरन कहने का तात्पर्य यह है कि ये काम Essential हैं और लिंग पर आधारित नहीं हैं | तो आप ये काम मिल बाँट कर कर सकते हैं, इन कामों की जिम्मेदारी किसी और को सौंप सकते है, इसमें कोई बुराई नहीं | यदि आप ऐसा करेंगे तभी आप आपका अमूल्य कीमती समय उस बडे सपने को दे सकते हैं, जो कईयों के सपने पूरे करेगा |

अपने दम पर बिझनेस खडा करना आसान काम नहीं है, उसके लिये हिम्मत चाहिये, मेहनत चाहिये, रात दिन एक करना पडता है | और ये धमक आज देश की कई बेटियाँ रखती है | जरूरत है एक समाज के तौर पर उन्हें आगे बढने दिया जाए, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए | उनकी रोटी गोल बन रही है या नहीं, ये देखने की बजाए वो किसी और को रोटी कमाने की हिम्मत दे रही है, इसकी प्रशंसा करना आवश्यक है | जिस दिन हम उसकी इन छोटी बातों में मीन मेख निकालना छोड कर उसके बडे सपनों को प्रोत्साहित करेंगे, उस दिन सही मायने में हम देवी माँ को खुश करेंगे |

समय बदला है, समय के साथ समाज और समाज की सोच बदलनी भी आवश्यक है | इसलिये हम कहते हैं :

Let her be the Girl Boss
Because GolRotiCanWait

- निहारिका पोल सर्वटे 

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