पिछले कुछ दिनों से पूरा देश हैदराबाद में पशु चिकित्सक महिला के साथ हुए अत्याचार से दहल गया है | बहुत सारे पॅनल डिस्कर्शन्स हो रहे हैं, कँडल मार्चेस निकल रहे हैं, लेकिन आगे क्या? इस घटना को एक हफ्ता भी न हुआ होगा और उन्नाव में भी बिल्कुल ऐसा ही एक केस सामने आया है | ९०% जली हुई लडकी को अत्याचार के बाद अस्पताल में लाया गया है | और ऐसी एक नहीं कयी घटनाएँ हैं | लेकिन यहाँ बात प्रशासन की नहीं है | बात है मानसिकता की, इतनी क्रूर और घिनौनी मानसिकता किसी की हो ही कैसे सकती है ?
जस्टिस फॉर आसिफा कहने वाले हैदराबाद मामले पर चुप हैं, क्यूँ की विशिष्ट धर्म आडे आया | एक तथाकथित फिल्म मेकर कहते हैं “महिलाओं को अपने साथ कंडोम रखना चाहिये, ताकि उनके साथ बलात्कार के बाद कत्ल ना हो | और टीव्ही चॅनल्स पर केवल टीआरपी के लिये बडे बडे प्रोग्राम्स दिखा रहे हैं, लेकिन मानसिकता बदलने के लिये कोई कुछ भी नहीं कर रहा है | कल ही आये एक सर्वे के अनुसार हैदराबाद की घटना के बाद पॉर्न साइट्स पर भारत के करीब ८० लाख लोगोंने “हैदराबाद गैंग रेप” सर्च किया | तो ये है हमारे यहाँ के नौजवानों की मानसिकता, जो इस घिनौनी हरकत को देख कर मनोरंजन करना चाहते हैं |
कहीं पढा था इंटरनेट पर “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” के साथ ही अब “बेटा पढाओ और उसे औरत की इज्जत करना सिखाओ” यह भी लागू होना चाहिये | जब तक हमारे यहाँ लडके लडकियों को देख कर “माल, कंचा और आयटम” बोलना छोड नहीं देते, जब तक वे लडकियों में एक विशेष प्रकार की रुचि लेना छोड नहीं देते और जब तक उन्हें अपनी हद समझ नहीं आती तब तक यह सब नहीं रुकेगा |
प्रॉब्लेम परवरिश में है, प्रॉब्लेम संगत में है, प्रॉब्लेम कम्यूनिकेशन न करने में है, प्रॉब्लेम पॉर्न साईट्स देखने को कूल मानने में है, प्रॉब्लेम बायस्ड ओपिनियन्स में है और प्रॉब्लेम लडकियों की इज्जत ना करने में है | और इस सबके बाद भी यह रुकने नहीं वाला क्यूँ कि जब तक ये प्रॉब्लेम्स सुलझाए नहीं जाएँगे, तब तक ठीक नहीं होगा कुछ |
गुस्सा आता है? आता है ना? तो सिर्फ इतना ही करो, अपने दोस्तों, भाईयों, बेटों, पतियों और उन सब मर्दों को टोको जब वो औरत का सम्मान ना करे, जो कोई भी गलत कमेंट पास करे, जो कुछ भी ऐसा करे जो गलत है | और जिन्होंने अपराध किया है, उन्हें जल्द से जल्द सजा हो ये प्रार्थना है, जल्द ही कानून बने और इंसाफ हो, लेकिन तब तक.. हमें इस देश की बेटी मत बनाओ यार.. बनाना है तो देश के बेटों को थोडा जिम्मेदार बनाओ, देश को बेटों को इन बेटियों का आदर करना सिखाओ, बाकी कुछ नहीं चाहिये |
- निहारिका पोल सर्वटे