डॉ. अस्थाना और प्रोफेसर सहस्त्रबुद्धे के किरदार के माध्यम से घर घर तक पँहुचे उम्दा कलाकार बोमन इरानी सभी के चहेते हैं. उनका बेहतरीन अभिनय और उनके हर संवाद को अपनी ही शैली में बोलने का तरीका सभी का मन मोह लेता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, कि बोमन इरानी को बचपन में एक ऐसी बीमारी थी, जिसके कारण उनका एक अभिनेता बनना कभी भी संभव नहीं था बोमन इरानी हम सभी के लिये एक प्रेरणा हैं, क्यों कि न केवल उन्होंने अपनी इस बीमारी और कमजोरी पर मात की, बल्कि हमें यह सिखाया कि यदि आपका खुद पर विश्वास हो तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं.
बोमन इरानी को बचपन में "डिसलेक्सिया" नामक एक बीमारी थी. जो कि एस स्पीच डिफेक्ट होता है. जिसमें व्यक्ति जीभ बाहर निकाल कर बात करता है. यह किस्म की बीमारी है, और इसका इलाज संभव है, लेकिन अक्सर ऐसी बीमारी से पीडित लोग मजाक का पात्र बन जाते हैं, जो कि बहुत गलत है. बोमन को भी ऐसी ही परिस्थितीयों का सामना करना पडा. वे बचपन से ही एक अभिनेता बनना चाहते थे, लेकिन उनकी इस बीमारी ने उन्हें काफी समय तक पीछे खींचा. इस समय में उन्होंने होटल में वेटर की नौकरी की, अपने पारिवारिक फरसाण की दुकान के गल्ले पर भी बैठे. उस वक्त वे गल्ले पर बैठ कर छोटी छोटी कहानियाँ लिखा करते थे.
आखिरकार उम्र के 35 वे वर्ष में उन्होंने अदाकारी के क्षेत्र में कदम रखा. अपनी हर कमजोरी पर विजय प्राप्त की और, थिएटर में काम करते करते आगे बढते रहे. जिस उम्र में लोग अपनी सेकेंड ईनिंग के लिये तैय्यारी में जुटते हैं, उस उम्र में बोमन इरानी ने शून्य से शुरुआत की और आज वे एक बेहद ही सफल कलाकार है.
बोमन इरानी हर उस व्यक्ति के लिये प्रेरणा है, जिसे लगता है कि उसकी कमजोरियाँ उन्हें रोक रही हैं. बोमन इरानी ने अपने जीवन के इस पहलू के बारे में बहुत पहले कलर्स टीव्ही पर आने वाले अनुपम खेर द्वारा संचालित शो, कुछ भी हो सकता है में बताया, जो आज ओटीटी प्लॅटफॉर्म्स पर उपलब्ध है.
बोमन ने एज इस जस्ट अ नंबर अस कहावर तो भी सच किया है, और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती इन पंक्तियों को भी. यदि आपको बोमन की कहानी प्रेरणास्पद लगी हो, तो हमें कमेंट्स सेक्शन में अवश्य बताएँ.