आज भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीत कर भारत का सिर गौरव से ऊँचा कर दिया. भारत ने आज इतिहास रचा. पूरे 41 साल बाद भारतने राष्ट्रीय खेल में ओलंपिक प्रतियोगिता में पुरस्कार जीता है. और आज संपूर्ण भारत को अपनी पुरुष हॉकी टीम पर गर्व है. लेकिन जब ये भावनाएँ, देश के प्रधानमंत्री के द्वारा सीधे टीम तक पंहुचाई जाती हैं, तो उसका मोल कुछ और ही होता है.
आज प्रधानमंत्री मोदी ने एक सरप्राइज कॉल करते हुए भारत की टीम को बधाई दी. कप्तान मनप्रीत सिंह को यह फोन आया और फिर प्रधानमंत्री जी ने खिलाडियों से और कोच से बात कर बधाई दी. ये अपने आप में कितनी बडी बात है.
जब हम कोई पुरस्कार जीत कर घर आते हैं, और घर के बडे, बुजुर्ग हमारी पीठ थपथपाते हैं, तो वे भावनाएँ उस पुरस्कार से भी कहीं ज्यादा बढकर होती हैं. आज ऐसी ही भावनाएँ भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने महसूस कीं. प्रधानमंत्री मोदी के इस एक फोन कॉल ने न सिर्फ भारतीय टीम का हौंसला बढाया वरन्, उन्हें यह अहसास दिलाया कि उनकी ये जीत भारत के लिये कितनी मायने रखती है, और संपूर्ण भारत को उन पर गर्व है.
आज भारत की पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी के साथ कांस्य पदक के लिये मॅच खेला, जिसमें भारतीय टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराया. भारत में इससे पहले 1980 में ओलंपिक में हॉकी खेलों के लिये मेडल आया था, आज भारत ने फिर एक बार 41 साल बाद इसिहास रचा. यह हमारे लिये, हॉकी जैसे खेल के लिये और संपूर्ण भारत के लिये एक बहुत बडी बात है. भारत को अपने इन शेरों पर बहुत अधिक अभिमान है.