प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और उनके आत्मीय स्वभाव की चर्चा तो हर कहीं हैं. लेकिन इसका खासा परिचय देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑलेंपिक में भारत को जीत दिलाने वाले और भारत का नाम रौशन करने वाले सभी खिलाडियों को एक विशेष भोज के लिये आमंत्रित किया था. उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने हर टेबल पर जाकर हर एक खिलाडी से बात की. उनकी बात करने की शैली ऐसी थी, जैसे घर परिवार के किसी कार्यक्रम में घर के बडें बच्चों से वार्तालाप करें. ये सारे व्हिडियोज एक बार सभी को देखने चाहिये, खास कर ये समझने के लिये, कि प्रधानमंत्री वो हों, जो देश का नाम रौशन करने वाले खिलाडियों से मित्रता से बात करें, ना कि वो जो केवल अपने ओहदे का रुतबा लेकर बैठे रहें.
इस वार्तालाप में प्रधानमंत्री मोदी और पीव्ही सिंधू का एक संवाद काफी व्हायरल हो रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री कहते हैं, "अरे भाई आईस्क्रीम लाओ मैंने इसे प्राॅमिस किया था, कि जब ये भारत लौट कर आएगी, तो मैं इसे आईसक्रीम खिलाउंगा." यह एक ऐसी बात थी, जो हमारे पापा, या चाचा या घर के कोई भी बडे हमसे कहते हैं, जब हम परीक्षा में अव्वल अंकों से पास होते हैं. दुनिया को सीख देने वाला ये व्हिडियो आप अवश्य देखें.
जब प्रधानमंत्री मोदी देश के लिये गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोप्रा से बात करते हैं, तो हरियाणा और राजस्थान के चूरमे की तारीफ होती है, और बातों बातों में मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी और गुलाबजामुन का एक किस्सा सुनाते हैं. हँसते हुए, बातें करते हुए किसी घरेलू कार्यक्रम के जैसे यह कार्यक्रम होता है, जो सोचिये देखने वालों को इतना अपना लग रहा है, तो जिन्हें वहाँ बुलाया गया था, उन्हें कितना अपना लग रहा होगा.