स्वरा भास्कर हमेशा से ही अपने बेतुके बयानों को लेकर प्रसिद्ध रही है. हमेशा से ही उनका हिंदु धर्म और हिंदुत्व से पता नहीं क्यों लेकिन दुश्मनी का नाता रहा है. और हद तो तब हो गई जब उन्होंने तालिबान और शरिया की तुलना हिंदुत्व से की. उन्होंने एक बेतुका सा ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि, हम हिंदुत्व टेरर को अपना कर तालिबान टेरर पर रो नहीं सकते. लेकिन इस ट्वीट को जवाब देते हुए प्रसिद्ध पत्रकार रुबिका लियाकत ने उन्हें करारा जवाब दिया.
रुबिका लियाकत कहती है कि, "हिंदुत्व टेरर!! लड़के कहाँ है? रॉकेट लॉंचर,मशीन गन के साथ घूम रहे आतंकी दिखा दीजिए..मुल्क पर क़ब्ज़ा करने की कोई तस्वीर दिखा दीजिए…संस्कृत या हिंदी में लिखा वो क़ानून बता दीजिए जहां घूँघट के बग़ैर औरतों के निकलने पर पाबंदी हो.. अच्छा आप बस हिंदुस्तान से भाग रहे मुसलमान दिखा दें."
हमारे देश में स्वरा भास्कर जैसे लोगों की सोच एक जहर है, ये सोच किसी तालिबानी सोच से कम नहीं है. आज भारत में मु्स्लिम भाई बंधु जितने सुरक्षित हैं, उतने किसी इस्लामिक देश में नहीं है और अफगानिस्तान इसका सबसे बडा उदाहरण है.
हिंदुत्व समरसता सिखाता है, हिंदुत्व भाईचारा सिखाता है. आज तक किसी हिंदु राजा ने तहस नहस कर के नगर, गाँव नहीं लूटे, आज तक किसी हिंदु संगठन ने गन और बमों के सहारे दहशत फैलाकर किसी मुल्क पर कब्जा नहीं किया. आज किसी भी हिंदु प्रथित संगठन ने कोई ऐसा कानून नहीं बनाया जो महिलाओं की इज्जत लूटे. हिंदु धर्म में महिलाओं को देवी का स्वरूप माना गया है.
तालिबान तबाही चाहता है, एक धर्म की हुकूमत चाहता है. तालिबान शरिया कानून चाहता है, और औरत को पैर की जूती बनाकर रखना चाहता है. और उस तालिबान की तुलना स्वरा भास्कर ने हिंदुत्व से की, ये अपने आाप में शर्मनाक बात है.
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