सभी अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे में विज्ञान के प्रति रुचि निर्माण हो | उनका भी विज्ञान प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मन करे, और वे भी विज्ञान के क्षेत्र में कुछ अच्छा करें | लेकिन ये संभव करने के लिये विद्यार्थियों के मस्तिष्क में तीन बातों का विकास करने की आवश्यकता है | आज के लेख में हम उन्हीं तीन बातों के बारे में चर्चा करेंगे |
आप भी सोच रहे होंगे, ऐसे कौन से तीन अहम पहलू हैं, जिन पर विद्यार्थी के मस्तिष्क का विकास निर्भर करता है | खासकर जब यह विकास विज्ञान के क्षेत्र में अपेक्षित हो ? तो आईये देखते हैं, ये तीन अहम पहलू कौन से हैं :
१. जिज्ञासा (Curiosity)
२. वैज्ञानिक स्वभाव ( Scintific Temperament)
३. तर्कयुक्त सोच (Rational Thinking)
१. जिज्ञासा : विद्यार्थी साधारण तौर पर बहुत ही जिज्ञासू होते हैं, उनके मन में हर छोटी बात को लेकर कौतुहल होता है, और उत्सुकता होती है | इसी जिज्ञासा को सही रूप देना, और इस जिज्ञासा के माध्यम से विद्यार्थियों तक विविध महत्वपूर्ण बातों को पँहुचाना अभिभावक और शिक्षकों का काम होता है | इस पहलू पर देश में कई संस्थाएँ काम कर रही हैं, जिसमें से DYAU सायन्स कम्युनिकेशन एक महत्वपूर्ण संस्था है | यह संस्था भी विद्यार्थियों में इसी जिज्ञासा को बढाने का प्रयास करती है| विद्यार्थियों के मस्तिष्क के विकास के जो अहम तीन पहलू हैं, जिज्ञासा उनमें से एक है | इस जिज्ञासा को बढाने के लिये DYAU सायन्स कम्युनिकेशन की ओर से हर माह के तीसरे रविवार एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें विद्यार्थी, विज्ञान के क्षेत्र के जाने माने वैज्ञानिकों और महत्वपूर्ण लोगों से बातचीत कर सकते हैं, अपने सवाल पूछ सकते हैं | इसके माध्यम से विद्यार्थियों के मन में उठने वाले तर्कयुक्त प्रश्नों का निराकरण हो जाता है, और विद्यार्थियों को नये प्रश्न खोजने की प्रेरणा भी मिलती है | जिज्ञासा का होना कुछ नया और कुछ बडा करने के लिये बहुत ही आवश्यक होता है |
२. वैज्ञानिक स्वभाव ( Scintific Temperament) : विद्यार्थी जिस उम्र में होते हैं, उस वक्त जिज्ञासा होना तो बहुत ही स्वाभाविक है, लेकिन उन प्रश्नों का हल विज्ञान के आधार पर खोजने का प्रयास करना भी महत्वपूर्ण है | यही वैज्ञानिक स्वभाव आगे जाकर विद्यार्थियों को इन्होवेशन के क्षेत्र में कुछ बडा करने का संबल देता है | DYAU सायन्स कम्युनिकेशन विद्यार्थियों में इसी वैज्ञानिक स्वभाव के विकास पर जोर देता है | DYAU की विविध प्रतियोगिताओं और वैज्ञानिक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों में इस स्वभाव का विकास होता है | जैसे कि टेलिस्कोप मेकिंग प्रतियोगिता, बडे बडे इंस्टिट्यूट्स के लॅब का लाईव्ह टूअर, और साथ ही कई मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से DYAU सायन्स कम्युनिकेशन विद्यार्थियों में इस स्वभाव के विकास का प्रयास कर रहे हैं | विद्यार्थियों के मस्तिष्क के विकास का यह भी एक एहम पहलू है |
३. तर्कयुक्त सोच (Rational Thinking) : जीवन में बडे बडे निर्णय केवल भावनिक आधार पर नहीं लिये जा सकते, उसके लिये तर्कयुक्त सोच होना आवश्यक है | और किसी भी व्यक्ति में यह सोच बचपन से ही विकसित होना आवश्यक होता है, यही विचार लेकर DYAU सायन्स कम्युनिकेशन आगे आए हैं, और अपने विविध कार्यक्रमों के माध्यम से वे बच्चों में, ६वीं से १२वीं कक्षा के विद्यार्थियों में इस तर्कयुक्त सोच का विकास हो इस दिशा में कार्य कर रहे हैं | DYAU सायन्स कम्युनिकेशन की मासिक पत्रिका के माध्यम से वे बच्चों को अपनी यह तर्कयुक्त सोच, अपना ज्ञान और हुनर दिखाने का मौका देते हैं, इस पत्रिका में विद्यार्थी विज्ञान विषय से संबंधित अपने लेख, साईटून्य इत्यादि भेज सकते हैं, और अपना हुनर दुनिया तक दिखा सकते हैं | DYAU सायन्स कम्युनिकेशन विद्यार्थियों की इस तर्कयुक्त सोच को बढावा देता है, और आगे आने वाले समय में विज्ञान के क्षेत्र में अच्छा काम करने की प्रेरणा भी देता है |
ये तीन पहलू किसी भी विद्यार्थी के विकास के अहम पहलू हैं, जिन्हें DYAU सायन्स कम्युनिकेशन ने भली भाँति समझा है, और उसी अनुसार अपने कार्यक्रम का प्रबंधन किया है | यदि आप भी आपके बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिये कुछ करना चाहते हैं, उनमें Scintific Temperament और Rational Thinking को बढावा देना चाहते हैं, तो आज ही DYAU सायन्स कम्युनिकेशन कार्यक्रम का हिस्सा बनें, अपने बच्चों का नाम इस कार्यक्रम में रजिस्टर कराएँ, और अपने बच्चों के लिये अवसरों के नये आयाम का आगाज करें |
आप इस लिंक पर जाकर रजिस्टर कर सकते हैं…!
देर ना करें रजिस्ट्रेशन की आखरी तारीख १९ जून है |
अपने बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक कदम बढाएँ…!