कई बार हम कुछ ऐसे लोगों से मिलते हैं, जो हमें सही मायने में जीने का अर्थ सिखा देते हैं | हम हमारी जिंदगी की छोटी छोटी परेशानियों में इतने खोये हुए होते हैं, कि हमें लगता है, मानों हमने पहाड तोड लिया हो, लेकिन हम भूल जाते हैं, कि कुछ लोग हैं, जो शायद हमसे भी अधिक परेशान हो, लेकिन अपनी परेशानी को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने देते, बल्कि उसको अपनी ताकद बना कर दुनिया जीतते चले जाते हैं | धवल खत्री भी ऐसे ही लोगों में से एक हैं | इंस्टाग्राम पर इनकी पेंटिंग्स बहुत प्रसिद्ध है | स्केचिंग से ऑयल पेंटिंग तक वे सब कर चुके हैं | ऐसे में यदि मैं कहूं कि धवल के दोनों हाथ नहीं है, और वे फिर भी दुनिया की सबसे खूबसूरत पेंटिंग करते हैं, तो क्या आप यह बात मानेंगे ?
वो कुछ बहुत ही प्रसिद्ध पंक्तियाँ हैं ना ? “मत कर यकीन अपनी हाथों की लकीरों पर, नसीब तो उनके भी होते हैं, जिनके हाथ नहीं होते..!” धवल इन पंक्तियों का जीता जागता उदाहरण है | आज कला के क्षेत्र में धवल का नाम बहुत प्रसिद्ध है | सोनी टीव्ही के शो “एंटरटेनमेंट के लिये कुछ भी करेगा” में वे १० साल पहले आ चुके हैं, अब तक ३०० से ज्यादा बहुत ही सुंदर और उम्दा पेंटिंग्स बना चुके हैं | धवल इस बात का उदाहरण है कि नामुमकिन कुछ भी नहीं |
२००३ में धवल केवल १४ वर्ष के थे, और बिजली की तारों में फँसी अपनी पतंग निकाल रहे थे, तभी उन्हें बिजली का तेज झटका लगा जिसमें उनके हाथ बुरी तरह झुलस गए | धवल की जान बचाने के लिये उनके हाथों को काटना पडा | और इस एक हादसे ने धवल की जिंदगी बदल दी | आप सोचिये ना, कोई और होता तो क्या करता ? जिंदगी भर अपने नसीब को दोष देता, दुखी होता और रोता रहता | लेकिन धवल ऐसे लोगों में से नहीं है, उन्होंने इस हादसे को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया, बल्कि इसे अपनी ताकद बना कर उन्होंने अपने इन्हीं टूटे हाथों से, कटे हाथों से पेंटिंग बनाना प्रारंभ किया और फिर कभी मुड कर नहीं देखा |
धवल हॉस्पिटल में थे, तो उनके माता पिता ने उन्हें धीरे धीरे पेंसिल पकडवाने का अभ्यास कराया | एक एक लाईन खीचते धवल कब खूबसूरत पेंटिंग बनाते चले गए, शायद हमें पता भी नहीं चला, लेकिन ये धवल के लिये एक बहुत बडा संघर्ष था | कहते हैं ना “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती” धवल ने कोशिश जारी रखी, और आज वे इस देश के नामी कलाकारों में से एक हैं |
धवल को बडे बडे कलाकारों से सराहना मिली है | बडे बडे लोगों ने धवल की कला को पहचान कर सराहा है | क्या आप जानते हैं, धवल केवल एक बेहद ही उम्दा पेंटर ही नहीं हैं, तो वे गिटार भी बहुत अच्छा बजाते हैं | वे एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, और उन्हें फुटबॉल और क्रिकेट भी खेलना पसंद है | याने दुनिया की नजरों में ऐसा कोई भी काम जो बिना हाथ के नहीं किया जा सकता, धवल सब करते हैं, और यह सब करते हुए धवल ने इस विचार को गलत भी साबित किया है |
आज धवल हमारे जैसी युवा पिढी के लिये एक बहुत बडी प्रेरणा है | हमारे सामने छोटी छोटी समस्याएँ भी पहाड जितनी बडी हो जाती हैं | छोटी सी सफलता हमारे सिर चढ कर बोलने लगती है | ऐसे में धवल को याद कर हमें अपने आप को प्रेरणा देनी चाहिये, और जिंदगी में कितनी भी कठिनाइयाँ आए, हमें ना रुकते हुए कुछ बडा कर दिखाने का ध्येय रखना चाहिये |
धवल हम सभी को मेहनत और कला का असली मूल्य सिखाने के लिये आपके बहुत बहुत धन्यवाद…!