भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देनेवाले महात्माओं में से एक थे लाल-बाल-पाल के लाल – लाला लाजपत राय। २८ जनवरी १८६५ को पंजाब के जगराँव में जन्में लाजपत राय पर बचपन से ही
स्वामी दयानंद सरस्वती और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का प्रभाव था। इसी के चलते वे छोटी उम्र से ही
आर्य समाज के सदस्य और ‘आर्य गजट’ के संपादक बने।
लाला लाजपत राय का मानना था कि हिंदू धर्म ने हमेशा शांति का संदेश दिया है और हिंदू धर्म की नींव पर ही स्वतंत्र भारत का निर्माण होना चाहिए। उन्होंने अंग्रेजी शिक्षा से अलग भारत की सभ्यता और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए लाहोर में नेशनल कॉलेज की भी स्थापना की थी जहाँ से
भगत सिंह,
सुखदेव जैसे महान क्रांतिकारी निकले।
आज लाला लाजपत राय के १५६वीं जयंती के अवसर पर हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्वीटर के माध्यम से नमन किया। उन्होंने लिखा है, “महान स्वतंत्रता सेनानी पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को उनकी जन्म-जयंती पर कोटि-कोटि नमन”
इसी के साथ भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी ट्वीट किया। “I pay my humble tribute to the legendary freedom fighter and true nationalist, 'Punjab Kesari' Lala Lajpat Rai on his birth anniversary today. Lala Lajpat Rai through his remarkable oratory and stimulating writings inspired many Indians to join the freedom struggle...”
लाला लाजपत राय के भारत की स्वतंत्रता और विकास के प्रति अनेक योगदान है। उन्होंने ने केवल अपनी कृतियों से बल्कि अपनी लेखनी से भी राष्ट्र को जागृत करने का कार्य किया। तो आईये उनके जयंती दिवस के अवसर पर उनके विचार जाने –
Fikarnot टीम की ओर से पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को शत-शत नमन !