रक्तदान ये सभी दानों मे सबसे महान माना जाता है। रक्तदान करने से केवल रक्त लेने वाला ही नही बल्कि रक्त देने वाले का भी स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है, ये एक प्रकार का जीवनदान ही माना जाता है क्यूंकि इससेआप एक इंसान को नयी जिंदगी देते हैं, इसलिये यदि आप पूर्णतः स्वस्थ है तो अवश्य रक्तदान करें। ऐसी भ्रांति है कि औरतों को रक्तदान नही करना चाहिये परंतु ये पूरी तरह सत्य नही, पुरूषों की तुलना में स्त्रियों में रक्त बनने की प्रक्रिया धीमी होती है परंतु इसका ऐसा अर्थ नही कि स्त्रियों को रक्तदान नही करना चाहिये |
पुरुष हो या स्त्री रक्तदान करते वक्त और रक्तदान करने के बाद कुछ बातें है जो अवश्य करना चाहिये :
१. जब आप रक्त देने जा रहें हो , अकेले ना जाएं, साथ मे किसी जिम्मेदार व्यक्ति को ले जाना उचित है।
२. खालीपेट रक्तदान ना करें, इससे आपको चक्कर आना या बेहोशी की समस्या हो सकती है।
३, रक्तदान आवश्यक मात्रा से अधिक ना करें, डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही करें।
४. रक्तदान की प्रक्रिया होने के बाद कुछ देर आराम करें, फौरन चलने-फिरने की कोशिश ना करें। ऐसा करने से आपको चक्कर आ सकते है और आप बेहोश हो सकते है।
५. भरपेट खाना खाने के बाद रक्तदान ना करें ये उचित नही होगा।
रक्तदान से आपको अनेक लाभ होते हैं, आपके रक्त में आवश्यकता से अधिक लौहतत्व का जमाव नही होता, बार-बार ऐसीडिटी और अम्लपित्त की शिकायत रहने वालों की समस्या कम हो जाती है, आपके शरीर की कोशिकाओं की पुनरर्चना जल्दी होती है। सबसे बडी बात आपके जीवन में ये समाधान होता है कि आपने किसी की मदद की।
18 से 60 वर्ष के लोग हर 3 महीने मे एक बार रक्तदान कर सकते हैं। पर इसके लिये आपको स्वस्थ रहना आवश्यक है।मकोई इंफेक्शन जैसे मलेरिया, टाइफाइड आदि ना हो, मआपके रक्त में हिमोग्लोबिन की मात्रा 12.5मग्राम से कम ना हो, आपका वजन 45 कि.ग्रा. से कम ना हो, कम से कम 6 महीने या उससे कम अवधि में आपका कोई ऑपरेशन ना हुआ हो, ऐसी माताएं जिनके बच्चे 1साल से अधिक है वो सभी रक्तदान कर सकते है।
याद रखें आपके रक्त की कुछ बूंदे किसी को नया जीवन दे सकती हैं।
प्रगती गरे दाभोळकर