२० साल की उम्र ऐसी होती है, जब हमारी कॉलेज लाईफ अंतिम चरण में होती है, हमारे मास्टर्स के लिये प्लॅन्स बन रहे होते हैं | हम भविष्य की काफी कुछ प्लानिंग कर रहे होते हैं | ऐसे में कई ऐसे खयाल हैं, जो हर २०+ उम्र की लडकी के मन में आते ही होंगे | उनके करिअर को लेकर, भविष्य को लेकर, जेंडर इक्वेलिटी को लेकर | आईये देखते हैं, कि ऐसे कौन से १० खयाल हैं, जो आज की तारीख में हर लजरी के मन में आते होंगे :
१. करिअर में कुछ हटके करना है : आज की दुनिया बदल चुकी है | पहले करिअर के मायने बहुत अलग हुआ करते थे | इंजीनिअर, डॉक्टर, टीचर या सीए ये ही ऑप्शन्स हुआ करते थे | लेकिन आज करियर की परिसीमाएँ बदल चुकी हैं | आज आप इंटरनेट के माध्यम से कई प्रकार के करिअर ऑप्शन्स चुन सकते हैं जैसे की ब्लॉगिंग, यूट्यूबिंग, पॉडकास्ट, ऑनलाइन कोचिंग इत्यादि | आज लगभग हर लडकी कुछ हटके करना चाहती है, अपने करियर के साथ साथ कुछ ऐसा भी करना चाहती है, जिसे आगे जाकर वह अपने प्रोफेशन में तब्दील कर सके | करिअर का एक हटके ऑप्शन रखना हर लडकी के दिमाग में होता है | इसमें कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन आजकल अधिकतर लडकियाँ करिअरिस्टिक होती हैं |
२. घर के काम सभी के होते हैं, उसमें लडका लडकी भेदभाव क्यों ? : आज भी भारत में कई जगहों पर लडका और लडकी में भेद होता ही है | आज भी रसोई का काम लडकियों का और बाहर का काम लडकों का यही माना जाता है | आज भी यदि किसी काम से किसी लडकी को बाहर भेजना होता है, तो घरवाले १० बार सोचते हैं, कि किसी को साथ में भेजें क्या ? आज भी लडकियों से अपेक्षा होती है कि शादी के बाद वह ऑफिस का काम कर रही हो तो घर भी संभाले, आज भी कई लडकियों के ससुराल में बेटों का घर के काम करना पसंद नहीं किया जाता | आज की लडकी को यह गलत लगता है, और यह स्वाभाविक भी है | मेट्रो सिटी में रहते हुए केवल लडकियों से अपेक्षा करना कि वे सारे काम अकेले देखें और घरेलू कामों में घर के बेटों का कोई समावेश ना हो, तो यह गलत है | इसलिये हर लडकी चाहती है, कि उसे शादी के बाद ऐसा घर मिले जहाँ लडका लडकी में कोई भेदभाव ना हो, और हर काम दोनों मिल बाँट कर करें |
३. पढने के लिये घर से बाहर जाना है : आज की तारीख में पढने के लिये अपने शहर से बाहर जाकर बडे इंस्टीट्यूट से शिक्षा लेना काफी ट्रेंड में हैं | और हर लडकी चाहती है कि उसे थोडी सी आजादी मिले, बाहर जाकर पढने की, पीजी में या होस्टल में रहकर एक नयी जिंदगी पूरे नए तरीके से जीने की | जहाँ वो अपने हिसाब से निर्णय ले सके | अपनी जिंदगी खुद बना सके | इसलिये हर लडकी आज घर से बाहर निकलकर पढना चाहती है, कुछ नया करना चाहती है |
४. शादी के बाद मैं जॉब नहीं छोडूंगी : जो लडकियाँ २१-२२ साल की उमर से जॉब कर रही होती हैं, उनके लिये अचानक से जॉब छोडकर घर पर रहना, घर संभालना थोडा मुश्किल हो जाता है, साथ ही इसके पीछे उनकी भावना यह होती है, कि उनके माँ बाप ने इतना पैसा लगाकर उन्हें पढाया है, तो उसका सही उपयोग होना चाहिये | साथ ही आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता भी जॉब से मिलती है | ऐसे में शायद ही आज कोई लडकी हो जो शादी के बाद जॉब ना करना चाहे |
५. शादी के पहले खुद का एक घर हो : ऐसा कहते हैं, लडकियों का खुद का घर शादी के बाद ही होता है, जो कि उनका ससुराल कहलाता है | लेकिन आज की लडकियाँ अपने दम पर कुछ करना चाहती हैं | वे शादी के पहले अपने आप को आर्थिक रूप से इतना सक्षम करना चाहती हैं, कि शादी के पहले वे इन्व्हेस्टमेंट करके एक छओटा ही सही लेकिन अपना घरौंदा बनाना चाहती हैं | वे चाहती हैं, कि वे इतनी सक्षम हों कि उनके माता पिता को उनकी किसी भी प्रकार की कोई भी चिंता ना रहे | अपने आप में यह एक बडी सोच है |
समय बदलता है, वैसे समाज भी बदलता है, और यदि ना बदले तो उसे बदलना चाहिये | इसलिये वो जमाना गया जब बेटे ही घर के चिराग होते थे | आज की तारीख में हर लडकी उतनी ही सक्षम है, जितना की एक बेटा | तो ये कुछ खयाल हैं जो हर लडकी के मन में होते हैं, आवश्यकता है इन्हें समझने की और पिछली पीढी को इन खयालों को स्वीकार करने की |