"दीदी आपका बात शुन के हमको बहुत हल्का लगा | हमको कितना डराया दीदी ये लोग शब | बोलता है मोदी छोटा छोटा रूम बनाया है, बच्चे को अलग रखेगा हसबेंड को अलग और हमको अलग.. और बोला कि खाना भी नहीं देगा..| दीदी हमारी बस्ती में लोग बोल रहा है कि अपने अपने गाँव चले जाओ दिल्ली में रहेगा तो मार देंगे.. ट्रेन से जाएगा तो ट्रेन भी जला देगा.. दीदी मैं पैसा जोड के जमीन खरीद किया... मैं रोया कल हसबेंड को बोला कित्ता नुकसान होगा हमारा.. दीदी ऐसा नहीं होगा ना? हम कुछ नहीं किया है.. हम काम करता ईमानदारी का पैसा कमाता.. हमारा पापा मम्मी सब भारत का ही है.. हमारे पास आधार कार्ड भी है..|"
लेकिन आज बेबी के कारण एक बात समझ आयी है कि, ग्रासरूट लेव्हल पर इन जैसे लोगों की अशिक्षा का फायदा उठा कर ऐसे लोगों के मन में जान बूझ कर जहर घोला जा रहा है | वामपंथी अपने अजेंडा को पूरा करने के लिये इनका उपयोग कर रहे हैं | इसका इससे बडा उदाहरण और क्या हो सकता है? ये भयंकर है, भीषण है, जो विरोध कर रहे हैं, शायद उन्हें पता भी नहीं है वे किस बात का विरोध कर रहे हैं ? और उसका कारण है… ये जहर
- निहारिका पोल सर्वटे.