टाईम मॅनेजमेंट के ५ सबसे आसान तरीके...


आज की भाग दौड की जिंदगी में समय संभालना बहुत ही मुश्किल हो गया है | स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, क्लासेस, घर, कामकाज और आपकी हेल्थ, यह सब समय के साथ संभालना एक कसरत बन गया है, लेकिन यदि हम अपने कामों को प्रायोरोटाईज करें अर्थात आवश्यकता के अनुसार सेट करें, तो हम अवश्य ही टाईम मॅनेजमेंट में मास्टरी हासिल कर सकते हैं | 

टाईम मॅनेजमेंट है क्या ? अपने समय को इस तरह से बाँटना की आपका सारा काम हो भी जाए, और समय भी बचे | फिर चाहे वो पढाई हो, आपका जॉब हो या और कुछ | टाईम मॅनेज करने के लिये कुछ क्विक टिप्स ध्यान में रखें तो हम बहुत सारे काम कर सकते हैं | 

१. अपनी घडी १० मिनिट आगे रखें : किसी भी जगह समय पर पँहुचना हो तो समय से तैय्यार रहना, समय से बाकी के काम निपटाना जरूरी होता है, यदी हम अपनी घडी दस मिनिट आगे रखें, तो हमेशा हमारे काम समय से पहले होंगे | अपने मोबाईल की घडी या घर की सभी घडियाँ थोडी आगे रखने से समय पर स्टेशन या एअरपोर्ट पँहुचना, समय से एक्झाम के लिये पँहुचना या समय से कोई भी काम निपटाना आसान हो जाता है | मोबाईल में अलार्म लगा के रखना और रिमाइंडर डाल के रखने से भी टाईम मॅनेजमेंट में आसानी होती है |
 

 
 
 
२. कामों की लिस्ट बना कर हर काम के लिये समय बाँटना : वैसे तो हमेशा ही हर चीज लिस्ट बना कर सिस्टेमेटिकली काम करना चाहिये, यदि ऐसा किया जाए तो हर काम आसानी से होता है | खासकर समय संभालने के लिये यह बहुत ही मददगार होता है | किसी किसी दिन हमें बहुत सारे काम होते हैं | ऐसे समय में कामों की लिस्ट बनाकर जरूरत के अनुसार उन कामों को समय देना आवश्यक है, इससे काम समय में करने की आदत भी लगेगी और काम फटाफट हो भी जाएँगे | जब भी कमरा साफ करना हो या अपनी अलमारी जमानी हो, मेरी माँ हमेशा मुझे टाईम लिमिट देती थी, जैसे २० मिनिट में अलमारी का यह खंड साफ करना है, या १ घंटे में कमरा साफ हो जाना चाहिये | यही ट्रिक हम पढाई के साथ भी अपना सकते हैं | कर के देखिये फायदा होगा |
 


 
३. पहले से तैय्यारी : हर काम की पहले से तैय्यारी हो तो काम करने में आसानी जाती है | जैसे यदि हमें कल ट्रेन पकडनी हो तो आज ही सारी पॅकिंग कर के रख दें, या कल सुबह के ऑफिस या कॉलेज के लिये रात में ही कपडों की तैय्यारी कर के रख दें, या स्कूल का बॅग सुबह की बजाय रात में ही भर के रख दें, ऐसे कयी उदाहरण हो सकते हैं, आपने सुना ही होगा “काल करे सो आज कर आज करे सो अब, पल में परलय होयेगी बहुरी करेगा कब?” रिअल जिंदगी में भी यह बहुत ही मायने रखता है | किसी भी काम की तैय्यारी पहले से हो तो, वह काम आसानी से हो जाता है | 



४. कामों को प्रायोरोटाईज करना : कामों की लिस्ट बनाना तो जरूरी है ही, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है कामों को प्रायोरोटाईज करना | उदाहरण के लिये : आपके दो काम हैं मार्कर पेन लाना और कपडों को इस्त्रीवाले के यहाँ से लेकर आना | आपको पता है कि स्टेशनरी की दुकान रात दस बजे तक खुली रहती है लेकिन इस्त्री वाला १० मिनट में निकल जाएगा, तो आप प्रायोरिटी से पहले इस्त्री के कपडे उठाएँगे, फिर मार्कर पेन लेने जाएँगे | ऐसे एक नहीं कयी उदाहरण हो सकते हैं, उस वक्त जो काम करना सबसे ज्यादा जरूरी हो, वह करना चाहिये | बाकी कामों के लिये समय तय कर देना चाहिये | इससे टाईम मॅनेज करना आसान होगा | 

५. किसी भी बात को या काम को ना टालें : महत्वपूर्ण कामों को प्रायोरोटाईज तो हमने कर दिया, लेकिन काम अधूरा छोडने से वह बचा हुआ काम दूसरे दिन करना पडेगा | जिससे आपका दूसरे दिन का टाईम मॅनेजमेंट बिगड जाएगा | इसी लिये किसी भी काम को न टालते हुए सम पे ही कर लें जिससे आगे का समय नियोजन सही रहता है | इसके लिये मल्टी टास्किंग का गुण सीखना भी आवश्यक है | यदि आप पूरे कॉन्सन्ट्रेशन के साथ एक साथ दो तीन काम कर सकते हैं, .याने की मल्टिटास्किंग का गुण सीख सकते हैं, तो आपका समय काफी बचेगा | 

से बातें काफी साधारण है, आपको लग रहा होगा मैंने नया तो कुछ भी नहीं बताया, लेकिन अक्सर हम जो जानते हैं, उसे इम्प्लिमेंट करना भूल जाते हैं | इसलिये इन साधारण सी ५ बातों को आजमाएँ और देखिये आप कैसे बन जाते हैं मास्टर ऑफ टाईम मॅनेजमेंट | 

- निहारिका पोल सर्वटे