ये हैं असली ‘नच - बलिये’.. अंतर्राष्ट्रीय नृत्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले ‘श्रेयस - प्रणाली’




आज तक आपने कई कपल्स की अलग अलग कहानियाँ सुनी होंगी | रिअल लाईफ कपल्स भी देखें होंगे | जिनसे हमें कुछ सीखने मिलता है, जो इन्स्पायरिंग हैं | लेकिन साथ में नृत्य करते हुए भारत का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उँचा करने वाले इस कपल से आज आप पहली बार मिल रहे होंगे | ये हैं असल जिंदगी के ‘नच - बलिये’ श्रेयस और प्रणाली देसाई | हाल ही में थायलंड में हुए इंडियाज इंटरनॅशनल ग्रूव्ह फेस्ट में श्रेयस और प्रणाली ने सेमी क्लासिकल ड्यूएट इस श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त कर मुंबई और पूरे भारत का नाम रौशन किया है | आम कपल्स घूमने जाते हैं, मॉल जाते हैं, मूव्हीज जाते हैं लेकिन श्रेयस और प्रणाली अपने अपने ऑफिस के बाद, या खाली समय में साथ में रियाझ करते हैं | है ना इन्स्पायरिंग ? 

 




पदन्यास एंटरटेंमेंट प्रस्तुत यह प्रतियोगिता थायलँड के बँकॉक शहर में आयोजित की गयी थी | इस प्रतियोगिता में सिंगापूर, दुबई, मलेशिया, भारत ऐसे अनेक देशों से कयी लोगों में हिस्सा लिया था | अलग अलग श्रेणियों में यह प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी, जिसमें एकल, ड्युएट और ग्रुप ऐसी तीन प्रमुख श्रेणियाँ थीं, जिन्हें आगे क्लासिकल, सेमी क्लासिकल, सूपर मॉम ऐसे भागों में विभाजित किया गया था | श्रेयस और प्रणाली ने सेमी क्लासिकल ड्यूएट की श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त किया | उन्होंने भारत के लोकनृत्य और कथक इन दो प्रकारों को एक कर बहुत ही मनमोहक नृत्य किया और सुधा चंद्रन और आशीष पाटील जैसे प्रसिद्ध नृत्य गुरुओं के हाथों पुरस्कार प्राप्त किया | वे विठ्ठल रखुमाई बने थे | उनके नृत्य को उनके पोशाख ने चार चॉंद लगाए, और इसका श्रेय वे दोनों ही देते हैं उनके कॉस्ट्यूम डिझायनर वृषांक को और उनकी नृत्यगुरु निधी को | “हमें यह सफलता हमारी नृत्य गुरु निधी प्रभू के कारण मिली है | उनके बिना यह संभव नहीं हो पाता” दोनों ने ही ऐसा कहते हुए अपने नृत्य गुरु के प्रति आभार व्यक्त किये | 

तो इस तरह से अपने अपने जॉब्स संभालते हुए भी अपने अंदर नृत्य को जीवित रखना उसके लिये कार्य करना, रियाझ करना और इंटरनॅशनल प्रतियोगिता में सहभागी होते हुए पुरस्कार जीतना अपने आप में ही एक बडी बात है, और इससे उन सभी को प्रेरणा मिली है जो किसी कला के लिये अपने मन में प्रेम रखते हैं | 
 
 
 

“हम दोनों के बीच का कनेक्शन हमारा नृत्य है | हम दोनों का स्वभाव एक दूसरे से बहुत अलग है, और जब हम स्टेज पर होते हैं तो हमारी कला से हमारा स्वभाव भी झलकता है, इसलिये हम साथ में कभी परफॉर्म नहीं करते थे, लेकिन यह मौका आया तो हमने सोचा हमें यह करना चाहिये | एक साथ नृत्य करना हमारे लिये बहुत ही सुंदर अनुभव रहा” इन शब्दों में श्रेयस अपना अनुभव बताते हैं | 

प्रणाली बताती हैंं “मैं स्कूल में थी तभी से नृत्य कला से जुडी हुई हूँ | बाद में कॉलेज में श्रेयस के ग्रुप में कई इव्हेंट्स में सहभाग लिया और नृत्य किया | श्रेयस मेरे भी नृत्य गुरु हैं, मैंने लोकनृत्य उन्हीं से सीखा है | साथ में नृत्य करने का एक अलग ही अनुभव है |” 
 
 
 

 
श्रेयस कहते हैं “हमने अभी ही मुंबई में घर लिया था, और हमने तय किया था अगले कुछ समय तक हम कोई ट्रिप प्लान नहीं करेंगे | तभी यह मौैका आया, मेरा हमेशा से सपना था की मेरा पहला इंटरनॅशनल टूर मेरे नृत्य के कारण और नृत्य के लिये हो | हमनें ऑडिशन में हमारा व्हिडियो भेजा और हम सिलेक्ट हो गया, मेरी इच्छा भी पूरी हुई | थायलँड में जा कर परफॉर्म करने का अनुभव मैं कभी नहीं भूल सकता |”

श्रेयस - प्रणाली की नृत्यमय कहानी : 

इस बारे में हमने जब श्रेयस से बात की तब उसने बताया, बचपन से ही उसने घर में कई तरह की मुश्किलों का सामना किया था, इस सब में स्कूल में दब के रहने वाले विद्यार्थियों में से वह एक था, लेकिन उसमें यदी किसी ने विश्वास जगाया तो वह था उसका नृत्य | शुरु से ही उसे लोकनृत्य में बडी रुचि थी | एकबार स्कूल के किसी प्रोग्राम में उसे स्टेजपर काफी देर तक गणपती बनने का मौका मिला, लेकिन कुछ घंटों पहले उसे बताया गया कि वह यह काम नहीं कर सकता because he is not fit for the stage. पहला मौका और वह भी हाथ से जा रहा था, लेकिन तब उसकी माँ ने उसे यह प्रेरणा दी की उसे जा कर बात करनी चाहिये और हिंमत नहीं हारनी चाहिये, उसकी यह लगन देखकर उसे पुन: उस कलाकृति में सहभागी किया गया और पूरी कलाकृति में यदि सबसे ज्यादा कुछ हिट रहा तो वह था स्टेज पर बैठा हुआ प्यारा सा ‘बाल गणेश’ | उसकी काफी सराहना की गयी और इससे प्रेरणा लेकर उसने नृत्य सीखना प्रारंभ किया, यह ता नृत्य की दुनिया में उसका पहला कदम और उसने फिर कभी पीछे मुड कर नहीं देखा | और उसकी इसी नृत्य साधना के कारण उसकी जिंदगी में आई... “प्रणाली” | 
 



 
कॉलेज के समय में श्रेयस नृत्य के क्षेत्र में काफी आगे बढ चुके थे, प्रसिद्ध नायिका हेमा मालिनी जी के साथ वे द्रौपदी जैसे नृत्य कार्यक्रम में नृत्य प्रस्तुत करते थे | इसी वक्त उनकी मुलाकात हुई प्रणाली से | वे एक साथ एक ग्रुप में परफॉर्म करने लगे और हमेशा के लिये एकसाथ आ गये | लगभग ६ साल एक साथ नृत्य और प्रेम की यात्रा चली और वे विवाह बंधन में बंध गये | उसके बाद इन दोनों ने साथ मिलकर मॅरियड आर्ट्स यह ग्रुप फॉर्म किया और आज नृत्य प्रेमियों का यह ग्रुप लोकनृत्य के कई वर्कशॉप्स लेता है, अनेक बडे बडे कार्यक्रमों में नृत्य प्रस्तुत करता है | इनका यूट्यूब चॅनल भी है, और ये कयी बडे कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं | 

आज दोनों ये ही चाहते हैं कि जिन्हें भी कला का आशीर्वाद मिला है, वे इस कला को हमेशा अपने साथ रखें, चाहे जो हो नृत्य इनसे अलग ना हो इसलिये ये हर दिन इस क्षेत्र में काम करते हैं | साथ में रियाझ करते हैं | श्रेयस लोकनृत्य के लिये समर्पित हैं, साथ ही कथक और अलग अलग प्रकार के नृत्य सीख रहे हैं और सिखा भी रहे हैं | प्रणाली ने भी अभी बेली डान्स सीखना चालू किया है और वो कथक भी सीख रहीं हैं | 

तो है ना ये #CoupleGoals #Powercouple #LoveForever ?

- निहारिका पोल सर्वटे